जो हरिश्चन्द्र के ह्रदय से निकली वाणी, वो हिन्दी बनकर आई। जो हरिश्चन्द्र के ह्रदय से निकली वाणी, वो हिन्दी बनकर आई।
जहाँ रोटी के लिए कोई रोता न होगा, ऐसा मेरा भारत होगा। जहाँ रोटी के लिए कोई रोता न होगा, ऐसा मेरा भारत होगा।
रोग-शोक समूल नाश हो, भारत माता तेरी जय हो ! रोग-शोक समूल नाश हो, भारत माता तेरी जय हो !
आफत- विपद समूल नाश हो, भारत माता तेरी जय हो ! आफत- विपद समूल नाश हो, भारत माता तेरी जय हो !
नवांकुरों में नित्य राष्ट्रभक्ति का प्रसार हो। नवांकुरों में नित्य राष्ट्रभक्ति का प्रसार हो।
एक दिन का मनका छोड़ो हर दिल के मन का करते हैं सब भारतवासी गाएं, मेरी हिंदी इसको कह एक दिन का मनका छोड़ो हर दिल के मन का करते हैं सब भारतवासी गाएं, मेरी ...